भाबर क्या है? | bhabar kya hai

दोस्तो आज हम जानेंगे की भाबर क्या है? और भाबर की क्या विशेषता है? दोस्तो भाबर यह नाम स्थानीय रूप से लंबी घास, और बिनाटा को संदर्भित करता है, जिसका उपयोग कागज और रस्सी बनाने के लिए किया जाता है। भाबर एक प्रकृति की रचना है और वो अपने आप प्रकृति के तरफ से निर्माण होती है। दोस्तो भाबर के बारे में कई बार प्रतियोगी परीक्षाओं में और कई ऐसे छात्रा को परीक्षाओं में पूछा जाता है। भाबर पहाड़ी इलाकों में ही देखने मिलता है उसके अलावा शायद ही कही भाबर नजर आता होगा।

दोस्तो हर पहाड़ी इलाकों में भी भाबर नजर नहीं आती जहा नदी ऊपर से नीचे की और जब वो पश्चिम दिशा में नीचे उतरती है तब भाबर का निर्माण होता है।भाबर की पूरी पट्टी है यह पट्टी पूर्व के ओर संकरी है और पश्चिम और उत्तर पश्चिम की और से चौड़ी है।भाबर हमारी पर्यावरण समतुला को बनाए रखने में अपना महत्व का योगदान देती है।दोस्तो अगर आपको भाबर असल में देखना है की भाबर कैसी होती है तो आप उत्तरी पूर्व राज्यों में पहाड़ी इलाकों में जाकर देख सकते है।चलिए अब हम विस्तार से जानते है की भाबर क्या है?

भाबर क्या है? | bhabar kya hai

शिवालिक पर्वतमाला में 8 से 16 किमी की संकरी पट्टी में जहां पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली नदियां अपने साथमें कंकड़ों और पत्थरों को ले जाकर इस संकरी पट्टी में डाल देती हैं, उसे भाबर कहते हैं।दोस्तो यह सबसे आसान तरीके से आपको समझने की कोशिश की है कई जगह आपको इसके मतलब मिलेंगे लेकिन वो इतने आसन भाषा में नही होगी। भाबर प्राकृतिक रचना है और इससे देखने के लिए काफी लोग पूर्व राज्यों में प्रवास करते है।भाबर प्रकृति की से बनी है और प्रकृति की समतूला बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।जैसा हमने आपको बताया भाबर कुछ किलोमीटर की ही पट्टी है और यह पट्टी हर जगह एक समान नहीं है अलग अलग विस्तार में उसकी चौड़ाई अलग अलग है जैसे पश्चिम और पूर्व पश्चिम इलाको में यह मोटी है वे अगर हम पूर्व के इलाके में देखे तो वहा यह पट्टी पतली है।

भाबर कही और नही नजर आते यह बस पहाड़ी इलाकों में ही नजर आते है।पहाड़ी इलाकों का यह मतलब नहीं के हर जगह भाबर मौजूद है लेकिन भाबर बस वही नजर आ सकते है जहा पहाड़ों से नदी नीचे की और आ रही हो तो उसके साथ आने वाले कंकड़ यह भाबर को बनाते है।भाबर की यह पट्टी खेतीलायक नही रहती और यह सिर्फ बड़े बड़े पेड़ नजर आएंगे।कंकड़ से बनी हुई यह सतह खेती नामुमकिन सी है।नदियों की प्रारंभिक स्थिति महत्वपूर्ण है क्योंकि स्रोत पर नदियों की तीव्रता बहुत अधिक है, इसलिए उच्च बहाव भी होता है और एक अच्छा भाबर तभी बनता है।

दोस्तो हमने यह देख लिया की भाबर कैसे बनता है चलिए अब हम यह जानते है की भाबर की क्या विशेषता है?

भाबर की क्या विशेषता है?

दोस्तो भाबर की भी विशेषता है जैसे हमने यह देखा की भाबर वाले क्षेत्रों में खेती नहीं हो सकती उसका यह मतलब नहीं की भाबर की कोई भी विशेषता नही है तो चलिए एक के बाद एक भाबर की विशेषता जानते है।

1) भाबर कई तरह से राज्यों में प्रभावी होता है उस राज्यों में वाणिज्य का अधिक प्रभाव रहता है और वाणिज्य में अधिकता होती है।

2) जहा भाबर के इलाके होते है वहा नदियों का ठहराव नही होता।

3) भाबर शिवालिक पर्वत श्रृंखला के समांतर है।

4) शिवालिक पर्वत श्रृंखला से उतरने वाली नदियों से कंकड़ और पत्थरों से भाबर बनता है।

5) दोस्तो भाबर की चौड़ाई कुछ 8–16 किलोमीटर जितनी ही है।

6) भाबर भारत में उत्तराखंड वाले इलाकों में पाया जाता है।

7) पहाड़ों से उतरती नदियाँ एक संकरी पट्टी में छोटे-छोटे पत्थर और बजरी इकट्ठा करती हैं

निष्कर्ष

आशा है या आर्टिकल आपको बहुत पसंद आया हुआ इस आर्टिकल में हमने बताया (-) के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने की कोशिश की है अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगे तो आप अपने दोस्तों के साथ भी Share कर सकते हैं अगर आपको कोई भी Question हो तो आप हमें Comment कर सकते हैं हम आपका जवाब देने की कोशिश करेंगे।

FAQ

भाबर क्या है Class 9th?

भाबर मैदान का एक हिस्सा है, जहां नदियां पहाड़ों से उतरते समय अपने साथ लाए गए कंकड़, बजरी और रेत को शिवली की तलहटी में जमा करती हैं। भाबर की चौड़ाई 8 से 16 किमी तक है।

1 भाबर क्या है?

‘भाबर’ सिंधु और तीस्ता नदियों के बीच शिवालिक की ढलानों के समानांतर पाए जाने वाले कंकड़ के संचय से बनने वाली संकरी पट्टी है। यह पेटी पहाड़ियों से उतरते समय विभिन्न नदियों द्वारा निर्मित होती है। भाबर पेटी में सभी नदियाँ लुप्त हो जाती हैं।

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